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लोगों में तिहाड़ जेल जाने की होड़ मची! खुद बताया क्यों जेल में जाना चाहते हैं

भारत के लोगों का लंबी लाइन में लगने का पुराना रिश्ता है. बैंक में, पानी और बिजली के बिल की लाइन में तो मारामारी होती है. आजकल तो फ्लाइट से जाने के लिए भी घंटों लाइन में लगना पड़ता है. दिल्ली एयरपोर्ट का हाल तो आप सभी को याद ही होगा. लेकिन क्या आपने सुना है जेल के अंदर जाने के लिए भी लोगों को लाइन में लगना पड़ रहा है. हर कोई जेल के अंदर जाने की जल्दी में दिख रहा है. एक तस्वीर आई है जहां जेल के अंदर जाने की होड़ मची है. और ये कोई मुलाकाती नहीं, बल्कि सजा पाए कैदी हैं. ये नजारा दिल्ली की तिहाड़ जेल के बाहर का है. तो ऐसा क्या हो गया, जो सारे कैदी अचानक से सरेंडर करने लगे. इन्हें किस बात का डर सता रहा है? आपको बताते हैं.

दरअसल, इन कैदियों को कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान जमानत या परोल दी गई थी. ताकि जेल में भीड़ कम की जा सके. इसलिए तस्वीर में दिख रहे ज्यादातर कैदी करीब 2-3 साल से बाहर चल रहे थे. अब सुप्रीम कोर्ट ने कैदियों को वापस जेल में सजा काटने का आदेश जारी कर दिया.

कोर्ट ने जमानत या परोल पर चल रहे कैदियों को आत्मसमर्पण के लिए 15 दिन का समय दिया था. जिसकी अंतिम तारीख 8 अप्रैल 2023 को खत्म हो रही है. इसलिए अंतिम तारीख से पहले सरेंडर करने के लिए कैदियों की लाइन लग गई.

लाइन में लगे कई कैदियों ने परोल के अपने अनुभव साझा किए. आज तक से बात करते हुए एक कैदी मोहम्मद फैज ने बताया, 

‘मुझे केस 307 (IPC की धारा-307) में जेल हुई थी. 3 साल से मैं जेल से बाहर था. अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 15 दिन में हमें सरेंडर करना है. इसलिए हम आज सरेंडर करने आए हैं.’

एक और कैदी मोहमद नईम ने बताया, 

‘आज हम यहां अपने आपको सरेंडर करने आए हैं. हमें कोरोना काल में अंतरिम जमानत मिली थी. 2 साल से मैं जेल के बाहर था. 8 अप्रैल सरेंडर करने की आखिरी तारीख़ है इसलिए आज हम सरेंडर करने आए हैं.’

रवि नाम के कैदी ने बताया, 

‘आज मैं यहां सरेंडर करने आया हूं. मैं मर्डर केस में परोल पर था. अख़बार में मैंने पढ़ा था और वकील ने मुझे फोन करके बताया कि आज शाम 5 बजे से पहले सरेंडर करना है. अगर आप टाइम पर सरेंडर कर देते हो तो आगे जाकर आपको बेल मिल जाएगी. मैं जेल से 3 साल से बाहर था. अब हम सरेंडर करने के लिए आए हैं.’

तो दोस्तो, लाइन में सिर्फ सरकारी कामों के लिए ही नहीं लगना पड़ता है. कभी-कभी जेल जाने के लिए भी ऐसा करना पड़ सकता है.

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